Thursday 25 January 2018

भारत की भूमि को नमन हमारा

भारत की भूमि को नमन हमारा 

इस पर लहराये तिरंगा प्यारा 

शहीदों की धरोहर ,सैनिकों का अभिमान 

गंगा की पावन नदी देश का स्वाभिमान 

अलग अलग वेशभूषा अलग अलग बोली 

सर्वधर्म देश की शान खेलते सब होली 

हरा भरा हर दम रहे किसी की बुरी नज़र न लगे 

संसार में बन जायें सभी इसके सगे 

ईश्वर का उपहार है प्यारा 

हिमालय की चोटी से लगे न्यारा 

भारत की भूमि को नमन हमारा 

इस पर लहराये तिरंगा प्यारा  ।




आभा दवे  26 -1- 2018 (शुक्रवार  )

Wednesday 3 January 2018

गीत - मन

        मन
      ——

मन के खेल निराले

सपनों से भरे प्याले

खुदी अपनी दुनिया बसाले

मन के खेल निराले ।


घर ,वन ,उपवन ,मंदिर भटके

चलता है कुछ ढलके ढलके

लिए साथ यादों के उजाले

मन के खेल निराले ।


धरती अंबर अपने मे समाये

वो करता मंथन गोते लगाये

अंतर घेर बिछ जाते है जाले

मन के खेल निराले ।



रूठा रहता हरदम खुद से

कर नहीं पाता आस प्रभु से

बिन मन कैसे हरि को पाले

मन के खेल निराले ।




आभा दवे  3-1-2018  (बुधवार )