पहेली
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पहेली सा जीवन लगता है लेकिन
उसका भी हल निकलता है लेकिन
सभी ही एक दिशा के हैं राहगीर
धर्म सभी के रास्ते बदलता है लेकिन ।
कोहरा सा धुँधला रहता भविष्य
पहेली सी समाहित है उसमें आयुष्य
जीवन यूँही चलता रहता निरंतर
धरा पर प्रमुख तत्व गुरु और शिष्य।
शून्य काल से चली आ रही कहानी
तम में उजाला है बात पुरानी
रहस्यमय, मौन है अजब एक शक्ति
पहेली बन विचरती लगती रूहानी होती हैरानी।
आभा दवे