परिणाम
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प्रेम ने बदली है परिभाषा
हिचकोले खाए जीवन -आशा
है वक्त की धार कुछ अजीब
फैली है दिलों में एक निराशा ।
युवा वर्ग हो रहा है गुमराह
सीधी मिल नहीं रही प्रेम की राह
विश्वास के कदम डगमगा रहे हैं
घातक परिणाम में बदल रही चाह।
करना होगा इस पर सभी को विचार
आगे की पीढ़ी छोड़ न दे अच्छे संस्कार
सही राह पर भटकों को लाना होगा
खुशहाल रहे ताकि सभी का परिवार।
आभा दवे
मुंबई