माता खीर भवानी जी मंदिर -कश्मीर
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कश्मीर यात्रा के दौरान सुप्रसिद्ध खीर भवानी माता मंदिर जाने का सुअवसर प्राप्त हुआ। कहते हैं कि जब तक माता नहीं बुलाती तब तक आप उनके दर्शन नहीं कर सकते हैं। विश्व मैत्री मंच की कश्मीर यात्रा के दौरान हम सभी को माता के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ हालांकि ये स्थान हम सभी के घूमने के स्थलों में शामिल नहीं था पर कुछ सदस्यों के कारण वहाँ जाना संभव हुआ। खीर भवानी मंदिर में कहते हैं कि सभी मान्यता पूरी होती है। मुझे दक्षिण भारत से आई एक महिला ने बताया कि वह सिर्फ अपनी मान्यता पूरी होने के बाद दुबारा माता के दर्शन करने के लिए यहाँ आई है। उसके चेहरे पर चमक, विश्वास और बड़ी ही श्रद्धा दिखाई दी मानों माँ भवानी ने उसके सारे कष्ट हर लिए हों। उसने बड़े ही विश्वास के साथ मुझसे कहा, -"आप भी माँ से जो चाहें माँग लें। मान्यता अवश्य पूरी होगी।" मैंने उसे धन्यवाद दिया और दर्शन के लिए चली गई । बिना चाहत के माँ भवानी के दर्शन के लिए पहुँच गए इससे बढ़कर और क्या चाहिए।
कहा जाता है कि जम्मू और कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के बाद खीर भवानी मंदिर अधिक लोकप्रिय तीर्थों में से एक है। इस मंदिर में माँ भवानी के साथ शिव लिंग भी है। माँ भवानी के दर्शन करके और खीर का प्रसाद खाकर सुखद अहसास हुआ।
खीर भवानी मंदिर श्रीनगर से 25 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर जम्मू और कश्मीर के गान्दरबल ज़िले में तुलमुल गाँव में एक पवित्र पानी के चश्मे के ऊपर स्थित है। ऐसी मान्यता है कि किसी प्राकृतिक आपदा के आने से पहले ही मंदिर के कुण्ड का पानी काला पड़ जाता है। खीर भवानी देवी की पूजा लगभग सभी कश्मीरी हिन्दू करते हैं। पारंपरिक रूप से वसंत ऋतु में मंदिर में खीर चढ़ाई जाती थी इसलिए इसका नाम 'खीर भवानी' पड़ा। इन्हें , क्षीर भवानी, महारज्ञा देवी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ ज्येष्ठ अष्टमी बड़े जोर शोर से मनाई जाती है।
इस मंदिर की सेवा सभी मिलजुल कर करते हैं। भाईचारे की भावना यहाँ पर स्पष्ट रूप से दिखाई देती है । माँ भवानी की कृपा सभी पर बनी रहे ,माँ भवानी सभी का कल्याण करें यही कामना है।
जय भवानी, जय अंबे 🙏🙏
आभा दवे
मुंबई
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