Tuesday 14 November 2017

बालदिवस के उपलक्ष्य में

आज  देश के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जन्मदिन है और इस दिन को हम सभी बाल दिवस के रूप में मनाते चले आ रहे है । समय के अनुसार सब कुछ बदल जाता है जो पहले बाल दिवस में एक प्रकार की चहलपहल बच्चों में दिखाई देती थी अब उसमें कमी आ रही है ।स्कूलों में बाल दिवस तो मनाया जाता है पर पहले जैसी भावना दिखाई नहीं देती । आज के बच्चे पढ़ाई के बोझ के साथ साथ मोबाइल ,टी.वी . कम्प्यूटर में ज़्यादा व्यस्त हो गये है । इस में बच्चों को भी दोष नहीं दिया जा सकता आज के समय में अभिभावक भी बच्चों को ज़्यादा समय नहीं दे पाते । इन सब के बहुत सारे कारण हो सकते है पर मैं यहाँ उन कारणों का ज़िक्र नहीं करना चाहती । मैं तो बच्चों को पहले के वो फ़िल्मी गीत बताना चाहती हूँ जिन गीतों को सुनकर मन में विश्वास और देशप्रेम की भावना जाग उठती थी । ईश्वर के सामने सिर श्रध्दा से झुक जाता था । कुछ ख़ास पुराने गीत है जो आज भी सुनो तो मन विश्वास और देशप्रेम से भर उठता है  -

बच्चों तुम तक़दीर हो कल के हिन्दुस्तान की ,बापू के वरदान की नेहरू के अरमान की ।
आओ बच्चों तुम्हें दिखाये झाँकी हिन्दुस्तान की ,इस मिट्टी का तिलक करो ,ये धरती है बलिदान की
इन्साफ़ की डगर पे बच्चों दिखाओ चल के ,यह देश है तुम्हारा नेता तुम्हीं हो कल के ।
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ता हमारा ।
विजय विश्व तिरंगा प्यारा झंडा उँचा रहे हमारा ।
सुन ले बापू ये पैग़ाम मेरी चिट्ठी तेरे नाम ,चिट्ठी में सबसे पहले लिखता तुझको राम राम ।
आज का भारत देखने वालों कल का देखना हिन्दुस्तान ,ख़ुशियों से सबकी झोली हम भर देंगे देकर मुसकान ,हम बच्चे हिन्दुस्तान के है ।
मानचित्र पर कितना सुंदर देश हमारा है ,आओ इसकी सैर करे आँखों का तारा है ।
आया छब्बीस जनवरी का दिन रात भी दमकेगी ,गणतंत्र दिवस की बेला ये धरती महकेगी ।
हिन्द देश के निवासी हम सब एक है ,रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक है ।
हम लाए है तूफ़ान से कश्ती निकाल के ,इस दर्शकों रखना मेरे बच्चों सम्हाल के ।
बच्चे में है भगवान बच्चे में है रहमान बच्चा जीसस की जान ,गीता इसमें ,इसमें है क़ुरान ।
हे प्रभु आनन्द दाता ज्ञान हमको दीजिए ,शीघ्र सारे दुर्गुणो को दूर हम से कीजिए ।
तुम्हीं हो माता पिता तुम्हीं हो
आने वाले कल की तुम तस्वीर हो ,नाज करेगी दुनिया तुम पर दुनिया की तक़दीर हो ।
नन्हा मुन्ना राही हूँ देश का सिपाही हूँ ,बोलो मेरे संग जय हिन्द जय हिन्द ।
मम्मी मैं तो सीखूँगा गोली चलाना ।
जोत से जोत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो ।
हम होगे कामयाब एक दिन मन में है विश्वास ,पूरा है विश्वास ।
हमको मन की शक्ति देना मन विजय करे ,दूसरों की जय के पहले ख़ुद विजय करे ।
बच्चे मन के सच्चे सारी जग की आँखों के तारे ,ये वो नन्हें फूल है जो भगवान को लगते प्यारे ।

       
                 कहाँ गये ये सारे गीत जो बच्चों में ही नहीं बड़ों में भी जोश भर देते थे । ये पुराने गीत हमारी अमानत है ,जो हम सब में एक नया विश्वास और जोश भरते है । उन सभी गीतकारों को ,संगीतकारों को गायकों को बहुत बहुत नमन जो हम सब के जीवन में एक नया उत्साह भर देते है ।
बाल दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनायें ।



आभा दवे  (१४- ११-२०१७ )

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