Sunday 12 November 2017

लघुकथा सम्पत्ति


सम्पत्ति
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पिता जी के देहांत हो जाने के बाद से ही विकी और सनी बेचैन हो गये थे । आज तेरहवीं के समाप्त होते ही वो पिता जी की अलमारी खोल कर सब देखने लगे शायद पिता जी ने वसीयत इसी अलमारी में रखी हो ? पिता जी को  इसके पहले भी दिल का दौरा पड़ चुका था । इस बार दिल के दौरे में पचपन साल की उम्र में उनका निधन हो गया। उन्होंने वसीयत बनाई है ये विकी और सनी दोनों को पता था पर रखी कहां है  ? ये ज्ञात न था ।
वे दोनों अलमारी में जब छानबीन कर रहे थे तभी उनकी मां वहां आ गयी और बोली - "तुम लोग ये वसीयत ही ढूंढ रहे हो ना ?" विकी और सनी दोनों कुछ ना कह पाये । मां ने उन्हें वसीयत देदी , उसमें लिखा था - " सारी सम्पत्ति तुम दोनों की पढ़ाई में खर्च हो गयी एक सम्पत्ति तुम दोनों को सौंप रहा हूं वह है तुम्हारी "मां " उसका ध्यान रखना ।
वसीयत पढ़ते ही विकी और सनी एक दूसरे को ताकते रह गये मानो एक दूसरे को कह रहे हो कि जाते जाते अध्यापक पिता सीख दे ही गये । दोनों मां की ओर दौड पड़े ।


आभा दवे

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