Friday 10 November 2017

संसार कविता

           संसार
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अपनी लेखनी लिए बैठा जब कवि

संसार की सारी समस्याओं पर ना

जाने लिख डाली कितनी कविताएँ ही

आज मन उन समस्याओं को जो

शायद कभी नहीं होगी हल

छोड़ कर आगे बढ़ जाना चाहता है

अपनी एक नयी दुनिया बनाना चाहता है

जहाँ वह सुकून की कविताएँ लिख सके

संसार की ख़ूबसूरती को अपने अंदाज़ में

बयां कर सके और लिख सके ऐसी कविता

कि पूरा जग ही साफ़ सुथरा ,निर्मल ,हरा भरा

आनन्द से लिपटा हुआ लहराता नज़र आये

धरती से आसमान तक ।



आभा दवे  (10- 11-2017) Friday 

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