Friday 19 July 2019

कविता -यादों का संचय

यादों का संचय / आभा दवे
-----------------
बचपन की यादों को
दिल की पोटली में
सहेज कर सदा के लिए
*संचय* कर लिया है
माता पिता के संग 
बिताए पल
खजाने की तरह
सुरक्षित है , संचित है
जिसका कभी क्षय नहीं होता
हमेशा उसकी महक फूलों
सी महकती रहती है
मन को आनंदित करती है 
जीवन में उमंग भरती है ।

आभा दवे



No comments:

Post a Comment