कविता -यादों का संचय
यादों का संचय / आभा दवे
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बचपन की यादों को
दिल की पोटली में
सहेज कर सदा के लिए
*संचय* कर लिया है
माता पिता के संग
बिताए पल
खजाने की तरह
सुरक्षित है , संचित है
जिसका कभी क्षय नहीं होता
हमेशा उसकी महक फूलों
सी महकती रहती है
मन को आनंदित करती है
जीवन में उमंग भरती है ।
आभा दवे
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