Tuesday 23 July 2019

कविता -कामयाबी

कामयाबी / आभा दवे 
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 गिर कर उठना आसान नहीं होता
मन के बोझ के पहाड़ पर चलना
बिन लाठी के काँटों भरे रास्तों पर
बहुत मुश्किलें पैदा कर देता है पर
काँटो के बीच फूलों की तरह खिलकर
*कामयाबी* का झंडा गाड़ देना सारी
कठिनाइयों को जीत में बदल कर
मुस्कान बिखेरते रहना जीवन का
सबसे बड़ा उपहार होता है जो
बस यही सिखाता है बार-बार हर बार
मेहनत का फल *कामयाबी* ही होता है।



आभा दवे

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