Tuesday 8 October 2019

मुमकिन कविता /आभा दवे

मुमकिन /आभा दवे 
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कामयाबी का रास्ता कभी छोटा नहीं होता
चलना पड़ता है काँटो भरी राहों पर जिंदगी भर
लगा देना पड़ती है तन और मन की शक्ति पूरी शिद्दत से
प्रथम सीढ़ी से लेकर अंतिम सीढ़ी तक का सफर आसान नहीं होता
बस चलना और सिर्फ चलना होता है लगातार
सफलता  भी धीरे -धीरे मुस्कुराने लगती है
मंजिल का पता बताने लगती है
आत्मशक्ति का बोध करा कर
हर नामुमकिन को मुमकिन बनाने लगती है 
यही जीवन की सफलता का रहस्य है
जिंदगी गुनगुना कर कह उठती है
सब कुछ मुमकिन है अगर तुम चाहो तो ।



*आभा दवे*

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