Friday 4 June 2021

धार छंद/आभा दवे

धार छंद / आभा दवे ------------ शिल्प ----------- ( मगण लघु ) ( 222 1 ) 4 वर्ण प्रति चरण, 4 चरण, 2-2 चरण समतुकांत धार छंद चार चरण में होती है। इसके प्रत्येक चरण में चार वर्ण होते हैं। 2- 2 चरण में समतुकांत होता है । धार छंद में गुरू-गुरू-गुरू और एक लघु (2-2-2-1) वर्ण का होना अनिवार्य होता है। यानी मगण (2-2-2) लघु 1 . कुल 16 वर्ण की ये छंद है । जिसका सारगर्भित अर्थ निकलना चाहिए। इस छंद में आधे अक्षर को नहीं गिना जाता है जैसे-प्यार, स्वर, कान्हा, श्याम आदि के आधे अक्षर को नहीं गिना जाता है। धार छंद/आभा दवे -------------- 1)कान्हा नैन पाये चैन । राधा संग रंगे रंग । 2) मेरी प्रीत तेरी जीत । तेरा प्यार है संसार। 3) कान्हा नाम चारों धाम । है दिन-रात तेरी बात । 4) मेरे श्याम हे घनश्याम। तू ही आस मेरी प्यास । 5)दिल के पास है वो खास। मेरा यार है उस पार। आभा दवे मुंबई 4-6-2021 शुक्रवार

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