Friday 4 June 2021

हाइबन विधा/आभा दवे

हाइबन विधा -------- 1)हाइबन ------------- सुशी अपनी माँ के साथ पचमढ़ी घूमने गई, वहाँ की प्राकृतिक सुंदरता देखकर वह बहुत ही खुश हुई ।उसकी आँखों में प्रकृति के प्रति प्रेम जाग उठा और उसके मुख से कुछ पंक्तियाँ अनायास निकल पड़ी । ऊँचे पहाड़ मन मोहते मेरा बुलाते मुझे । उसके मुख से सुंदर बोल सुनकर उसकी माँ भी खुश होकर कह उठी- सुंदर रूप प्रकृति का विशाल जीना सिखाए । माँ और सुशि दोनों हंस पड़ी और प्रकृति के सौंदर्य का आनंद लेने लगी । *आभा दवे* 13-12-2019 शुक्रवार 2)हाइबन विधा* --------------------- सुनीता का मन आज के हालात को देखते हुए बहुत दुखी हो रहा था। वह सुबह से ही बहुत अनमनी सी दिखाई दे रही थी। सुनीता का पति उसके दिल की हालत को समझ रहा था पर वो भी लाचार था। उसने सुनीता से कहा ,-आज की चाय बगीचे में बैठ कर ही पीते हैं , आक्सीजन भी मिलती रहेगी और मन भी अच्छा रहेगा । सुनीता ने हामी भर दी और थोड़ी देर बाद चाय बना कर ले आई । बगीचे की ताजी हवा उसे सुकून दे रही थी और वह कह उठी- नीला आकाश धरा पे हरियाली जगाए आशा। आभा दवे 7-5-2021 शुक्रवार 3)हाइबन ---------- सात वर्षीय दीपू अपने चाचा के साथ वीर सैनिकों पर आधारित एक प्रदर्शनी देखने गया। इस प्रदर्शन में सैनिकों पर आधारित लघु फिल्म भी दिखाई जा रही थी। दीपू बड़े ही ध्यान से उस फिल्म को देख रहा था। बर्फीली हवाओं का सामना किस तरह हमारे सैनिक करते हैं। उसने अपने चाचा जी से पूछा-"ये सैनिकों को बर्फीली हवाओं से डर नहीं लगता?" तब उसके चाचा ने सैनिकों की प्रशंसा करते हुए कहा- वीर जवान भारत माँ की आशा लुटाते जान। दीपू अपने चाचा की बात सुनकर चकित रह गया कि भारत माँ के लिए सभी सैनिक अपनी जान हँसते हुए दे देते हैं। उसका मन देश प्रेम से भर उठा । उसके चाचा ने गर्व से कहा- वीर सैनिक देश से करें प्यार है उपकार। दीपू को भी समझ में आ गया विपरीत हवा सीमा पर सैनिक देश की शान। आभा दवे 22-1-2021 शुक्रवार

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