Saturday 7 May 2022

माँ - प्रथम गुरु माँ

 प्रथम गुरु माँ /आभा दवे

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प्रथम गुरु तू इस जग की

मान बढ़े सम्मान बढ़े सदा

धरती सा धैर्य लेकर

सहती तू सारी यातना

माँ तेरा उपकार कितना

शब्दों से ना होगा बयां

तू ईश्वर की अद्भुत लीला

देवता भी तेरी कोख से लेते जन्म

और करते सदा तेरी वंदना

ग्रंथों में भी मिलता तेरा गुणगान

तू अपनी संतान के लिए लुटाती जान

कौन तुझसे है बड़ा जग में

तेरे ही आँचल तले दुनिया बसे

कृष्ण करते तुझसे लीला

तेरा कितना सौभाग्य है

प्रभु को भी डाँट देती

फिर प्यार से पुचकार लेती

और हृदय से लगा कर

जीत लेती जग सारा

माँ तुझे शत् - शत् नमन हमारा 


(आभा दवे)


माँ की असीम ममता को शब्दों में बयां करना बहुत ही कठिन है। माँ शब्द ही अपने आप में परिपूर्ण हैजिसके गगन तले सारी दुनिया समाई  है। माँ पर जितना भी लिखा जाए उतना कम ही होगा। भारतीयसाहित्यकारों ने माँ पर एक से बढ़कर एक रचनाएं लिखी हैं एवं माँ के प्रेम को संसार में सबसे ऊँचा स्थानप्रदान किया है। हमारी हिंदी फिल्मों में भी माँ पर एक से बढ़कर एक गीत लिखे गए हैं जो दर्शकों के दिलोंको छू जाते हैं। मातृ दिवस की सभी को शुभकामनाएं देते हुए प्रस्तुत है कुछ फिल्मी गीत जो आज भी दिलोंको छू जाते हैं और माँ की ममता का सुखद एहसास कराते हैं-🙏🙏

1)उसको नहीं देखा हमने कभी

पर इसकी ज़रूरत क्या होगी  माँ

 माँ तेरी सूरत से अलग

भगवान की सूरत क्या होगी

उसको नहीं देखा हमने कभी


इंसान तो क्या देवता भी

आँचल में पले तेरे

है स्वर्ग इसी दुनिया में

कदमों के तले तेरे

ममता ही लुटाये जिसके नयन

ममता ही लुटाये जिसके नयन

ऐसी कोई मूरत क्या होगी

 माँ

भगवान की सूरत क्या होगी

उसको नहीं देखा हमने कभी


क्यों धूप जलाएं दुःखो की

क्यों ग़म की घटा बरसे

ये हाथ दुआओं वाले

रहते है सदा सर पे

तू है तो अंधेरे पथ में हमे

सूरज की ज़रूरत क्या होगी

 माँ

भगवान की सूरत क्या होगी

उसको नहीं देखा हमने कभी

कहते है तेरी शान में जो

कोई ऊँचे बोल नहीं

भगवान के पास भी माता

तेरे प्यार का मोल नहीं

हम तो यही जाने तुझसे बड़ी

हम तो यही जाने तुझसे बड़ी

संसार की दौलत क्या होगी

 माँ

भगवान की सूरत क्या होगी

उसको नहीं देखा हमने कभी

पर इसकी ज़रूरत क्या होगी  माँ

 माँ तेरी सूरत से अलग

भगवान की सूरत क्या होगी

उसको नहीं देखा हमने कभी....

फिल्म - दादी माँ (1966)

गीतकार-मजरूह सुल्तानपुरी


2)तू कितनी अच्छी हैतू कितनी भोली हैप्यारी प्यारी है,

 माँ माँ माँ माँ 

यह जो दुनिया हैवन है कांटो कातू फुलवारी है,

 माँ माँ माँ माँ 

दुखन लागी हैं माँ तेरी अँखियाँ,

मेरे लिए जागी है तू सारी सारी रतिया 

मेरी निदिया पे अपनी निदिया भी तूने वारी है,

 माँ माँ माँ माँ 

तू कितनी अच्छी हैतू कितनी भोली हैप्यारी प्यारी है....

अपना नहीं तुझे सुख दुःख कोई,

मैं मुस्काया तू मुस्काई मैं रोया तू रोई 

मेरे हसने पे मेरे रोने पे तू बलिहारी है,

 माँ माँ माँ माँ 

तू कितनी अच्छी हैतू कितनी भोली हैप्यारी प्यारी है....

माँ बच्चो की जा होती है,

वो होते हैं किस्मत वालेजिनकी माँ होती है 

कितनी सुन्दर हैकितनी शीतल हैन्यारी नयारी है,

 माँ माँ माँ माँ 

तू कितनी अच्छी हैतू कितनी भोली हैप्यारी प्यारी है....

फिल्म - राजा और रंक (1978)

गीतकार - आनंद बक्षीगायिकालता मंगेशकरसंगीतकार - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल


3)हो कौन सी है वो चीज जो

यहाँ नहीं मिलती

कौन सी है वो चीज जो

यहाँ नहीं मिलती

सब कुछ मिल जाता है

लेकिन हाँ माँ नहीं मिलती

कौन सी है वो चीज जो

यहाँ नहीं मिलती

सब कुछ मिल जाता है

लेकिन हाँ माँ नहीं मिलती

माँ नहीं मिलती

याद किसी को हो

तो ऐसी बात सुनाई

जिसमे कही  कही

माँ का नाम  आये

दुनिया में कोई ऐसी

दस्ता नहीं मिलती

सब कुछ मिल जाता है

लेकिन हाँ माँ नहीं मिलती

कौन सी है वो चीज जो

यहाँ नहीं मिलती

सब कुछ मिल जाता है

लेकिन हाँ माँ नहीं मिलती

है माँ नहीं मिलती

जिनकी माँ होती है

खुश किस्मत होते है

जिनकी माँ नहीं होती

जीवन भर रोती है

जिनकी माँ होती है

खुश किस्मत होते है

जिनकी माँ नहीं होती

जीवन भर रोती है

जिस्म उन्हें मिलते है

लेकिन जा नहीं मिलती

सब कुछ मिल जाता है

लेकिन हाँ माँ नहीं मिलती

है माँ नहीं मिलती

मंदिर पे भी  मन

कुछ रही नहीं रुकते

ईश्वर के आगे भी

कितने सर नहीं झुकते

माँ को जो  माने वो ज़ुबा नहीं मिलती

सब कुछ मिल जाता है

लेकिन हाँ माँ नहीं मिलती

है माँ नहीं मिलती

कौन सी है वो चीज जो

यहाँ नहीं मिलती

सब कुछ मिल जाता है

लेकिन हाँ माँ नहीं मिलती

है माँ नहीं मिलती।


फिल्मजैसे को तैसा (1973) 

गीतकार-आनंद बक्षी


4)माँ मुझे अपने आँचल में छिपा लेगले से लगा ले कि और मेरा कोई नहीं फिर  सताऊँगा कभी पास बुलाले गले से लगा ले कि और मेरा कोई नहीं माँ मुझे अपने ...

भूल मेरी छोटी सी भूल जाओ माता ऐसे कोई अपनों से रूठ नहीं जाता रूठ गया हूँ मैं तू मुझको मना ले गले सेलगा ले कि और मेरा कोई नहीं 

माँ मुझे अपने ...गोद में तेरी आज तक मैं पला हूँ 

उँगली पकड़ के तेरी माँ मैं चला हूँ 

तेरे बिना मुझको अब कौन सम्भाले गले से लगा ले कि और मेरा कोई नहीं 

माँ मुझे अपने ...

फिल्मछोटा भाई

गीतकार-आनंद बक्षी


5)माँ ही गंगा माँ ही जमुना

माँ ही तीरथ धाम

माँ ही गंगा माँ ही जमुना

माँ ही तीरथ धाम

माँ का सर पर हाथ जो तेरे

क्या ईश्वर का काम

बोलो क्या ईश्वर का काम

जय जय मैया तुझे प्रणाम

माँ माँ..

सूरज चंदा आँखे माँ की

मस्तक है आकाश

सारी धरती गोद है उसकी

साँसे फूल सुहास

सागर सा आँचल लहराए

सागर सा आँचल लहराए

कुन्तल से घनश्याम

काले कुन्तल से घनश्याम

जय जय मैया तुझे प्रणाम

माँ माँ.....


फिल्म-मंझली दीदी

गीतकार-गोपालदास 'नीरज'


संकलन/प्रस्तुति

आभा दवे


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