सच्चाई (लघुकथा)
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अंग्रेजी शराब की दुकान पर जहां पीछे की ओर एक छोटा सा बार भी बनाया गया था ,तीन आदमी बैठे शराब पी रहे थे ।वे चार पाँच पैग शराब पी चुके थे ।और इधर-उधर की बातों में मग्न थे ।उन दिनों शहर से दूर ,परिवार से दूर कंपनी में काम करने वाले लोग वहां रहते थे, जहां गैस सिलेंडर का नामोनिशान नहीं था । स्टोव्ह जलाकर मिट्टी के तेल का प्रबंध करना, और फिर स्वयं ही अपना खाना पकाना पड़ता था।
शराब पीकर उमंग में वे तीनों चूर थे। लेकिन, सुबह की चिंता बीच-बीच में उन्हें सता रही थी। उनमें से एक आदमी जो कंपनी में उन दोनों से थोड़ा उच्च पद पर कार्यरत था, उसने उन दोनों से कहा-" क्या वे उसे मिट्टी का तेल दिलवा सकते हैं"।
" मिट्टी का तेल? क्यों नहीं," उनमें से एक ने दूसरे को संबोधित कर कहा-" कल ही आ जाना। कितना चाहिए?"
" जितना दिलवा सकते हो, उतना दिलवा देना"। पहले वाले व्यक्ति ने कहा ।
वह खुश हो गया। क्योंकि मिट्टी का तेल इस इलाके में मिलना अर्थात' नौकरी में इंटरव्यू में पास हो जाने जैसी खुशी है '।
अमां यार! खन्ना के पास बीसियों जाली राशन कार्ड हैं ।वह ब्लैक में तेल बेचता है। तुम पाँच राशन कार्ड का मिट्टी का तेल खरीद लेना। अरे यार! वह कौन सा तुम से अधिक पैसे लेगा ।आज वह तुम्हारे काम आएगा। कल तुम उसके काम आओगे।
वे फिर पीने लगे।
" अब छोड़ो मिट्टी के तेल का टेंशन" उसने पहले आदमी की पीठ पर थपथपाते हुए कहा -" नौ बजे राशन की दुकान के सामने मिल जाना। ओके, कल मिलते हैं ।"
पहला व्यक्ति बेतहाशा खुश- खुश आधी रात को अपने पुराने स्कूटर पर खटर- खटर की आवाज करते घर की ओर जा रहा था ।दूसरे दिन जब नींद खुली तो वह राशन दुकान की ओर भागा। कहीं देर ना हो चुकी हो ।
लंबी कतार में उसने देखा वे दोनों भी पाँच -पाँच लीटर के कैन लिए खडे़ हैं ,और उससे आंखें चुरा रहे हैं। बाद में पता चला कि खन्ना तो कंपनी के मालिक के साले हैं जो विदेश गए हुए हैं।...
.प्रमिला वर्मा
परिचय
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प्रमिला वर्मा, पीएच डी
जबलपुर में जन्म ।
पिछले 30 वर्षों से लगातार लेखन ।सभी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में कहानियां प्रकाशित। स्त्री विमर्श पर "सखी की बात" स्थाई स्तंभ जो साँध्य दैनिक में 10 वर्ष चला ,चर्चित रहा।
सभी विधाओं पर लेख प्रकाशित।
6 कहानी संग्रह, संयुक्त उपन्यास।
संपादित कथा, कविता संग्रह आदि प्रकाशित
20 वर्ष तक अखबारों में फीचर संपादक के पद पर कार्यरत।
दि संडे इंडियन पत्रिका में 21वीं सदी की 111 हिंदी लेखिकाओं में एक नाम ।
"बीसवीं सदी की महिला लेखिकाओं " के नौवें खंड में कहानी ।
महिला रचनाकार: अपने आईने में आत्मकथ्य , पुस्तक रुप में प्रकाशित।
महिला पुलिस तक्रार केंद्र की सम्मानित सदस्य। सुप्रसिद्ध साहित्यकार स्वर्गीय विजय वर्मा की स्मृति में हेमंत फाउंडेशन की स्थापना। ट्रस्ट की संस्थापक/ सचिव। जिसके अंतर्गत 20 वर्षों से विजय वर्मा कथा सम्मान एवं हेमंत स्मृति कविता सम्मान प्रदान करना ।
विश्व मैत्री मंच की मीडिया प्रभारी ।
कई पुरस्कारों से सम्मानित। सोशल एक्टिविस्ट फॉर वुमन एंपावरमेंट ।जंगलों की देश, विदेश की सैर उसी दौरान कुछ मुद्दों पर लेखन, शोध आदि। चिड़ियों पर विशेष शोध हेतु पक्षी विशेषज्ञ श्री सलीम अली के साथ सुदूर रोमांचक समुद्री यात्राएं।
निवास
औरंगाबाद (महाराष्ट्र )431005 मोबाइल नंबर 073918 66481 email-id. vermapramila16 @ gmail.com
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