मुस्कुराहट
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नये फूल खिलते ही
मन भर उठता है आनंद से
माली की मेहनत रंग लाई
जो सींचा था जल तन मन से ।
जब नन्हें पौधे पेड़ बन जाते है
तो वो पंक्षी का बसेरा बन जाते है
फूल और फल से भरे ये पेड़
खुद अपनी कहानी कह जाते है ।
न चख पाते है खुद का एक भी फल
औरों को देकर सदा मुस्कुराते है
पथिक को देते छाया हरदम
खुद ओले की मार को सह जाते है ।
सिखा जाते है जीवन जीना
दूसरों के सुख में ही खुश रहना
मुस्कुराहट की चादर ओढ़
दुखों को छुपा लेना ।
आभा दवे (19-11-2017)
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नये फूल खिलते ही
मन भर उठता है आनंद से
माली की मेहनत रंग लाई
जो सींचा था जल तन मन से ।
जब नन्हें पौधे पेड़ बन जाते है
तो वो पंक्षी का बसेरा बन जाते है
फूल और फल से भरे ये पेड़
खुद अपनी कहानी कह जाते है ।
न चख पाते है खुद का एक भी फल
औरों को देकर सदा मुस्कुराते है
पथिक को देते छाया हरदम
खुद ओले की मार को सह जाते है ।
सिखा जाते है जीवन जीना
दूसरों के सुख में ही खुश रहना
मुस्कुराहट की चादर ओढ़
दुखों को छुपा लेना ।
आभा दवे (19-11-2017)
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