सायली छंद /आभा दवे
1)मेहंदी
रंग लाती
पीसने के बाद
छोड़ती निशाँ
हाथ ।
2) त्यौहार
कोई भी
हाथ रच जाता
मेहंदी संग
मुस्कुराता ।
3) दुल्हन
बिन मेहंदी
न बैठती डोली
रंगी साजन
रंग ।
4) श्रृंगार
मेंहदी से
छुपा है प्यार
पिया का
अपार ।
5) मेहंदी
रच गई
नीर भरे नयन
पुकारते सदा
पिया ।
6) त्याग
सिखाती मेहंदी
तप कर ही
सोना होता
खरा ।
7) मेहंदी
गजब है
होती हरी है
रंग छोड़े
लाल ।
आभा दवे
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