*गणपति वंदन* /आभा दवे
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हे गणपति ,गजानन
जय गणेश ,जय गणेश
होती है प्रथम ,तेरी ही पूजा
तुझसा कहाँ कोई देव और दूजा
तेरे दर्शन को प्यासे नयन
हे गणपति, गजानन ।
तुझको ही पूजे यह जग सारा
प्रथमेश तुम हो बड़ा नाम तिहारा
शिवशंकर सुत गौरी नंदन
करते सब तेरा ही वंदन
हे गणपति गजानन ।
नाम तुम्हारा अनंत भगवन
मात -पिता के चरणो में पाते जीवन
रिद्धि -सिद्धि के तुम हो स्वामी
बुद्धि के देवता, तुम हो अंतर्यामी
करते देवता भी तेरा वंदन
हे गणपति ,गजानन ।
सभी पाते तुझसे वरदान प्रभु
तेरा कितना अद्भुत है रूप
लड्डूअन का भोग लगे तुझको
फूलों से सजे तेरा रूप पावन
हे गणपति ,गजानन ।
मूषक है तेरा वाहन
देता संदेश सभी को
छोटा -बड़ा कुछ भी नहीं
कर्मो से सजता ये जीवन
हे गणपति ,गजानन
शत्-शत् वंदन ,शत-शत वंदन ।
*आभा दवे*©
20-8-2019 मंगलवार
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