Friday 2 August 2019

कविता -किरदार /आभा दवे


दुआओं में मुझे याद रखना
 मेरे किरदार के साथ
 लफ़्ज़ों में मुझे याद रखना
 मेरी कविताओं के साथ🙏

किरदार/ आभा दवे 
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ये लेखनी भी खूब कमाल करती है
न जाने कितने किरदार गढ़ती है
किसी को बैठा देती है सातवें आसमान पर
किसी को भिखारी का पात्र थमा देती है
जैसे विधाता ने अपने अलग -अलग किरदार
गढ़ लिए और सभी को अलग अलग हिस्सों में
बाँट दिया कुछ समय के लिए इस जहाँ में
चाहे-अनचाहे किरदार निभा रहे सभी
मजबूरी, लाचारी, बेबसी के इर्द-गिर्द
कभी सुख कभी दुख की नैया पार लगाते
जिए जा रहे हैं सभी एक नयी आस में ।

आभा दवे




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