Thursday 3 June 2021

अटल -कविता /आभा दवे

 *अटल*

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इरादे अटल हो तो सब कुछ सरल है

नहीं डाल पाता फिर कोई खलल है।


सभी काम होते रहतें हैं धीरे-धीरे

पाना है अमृत पीना नहीं गरल है।


सूरज सिखाता है सबको जीना

समय सदा चल रहा अविरल है।




कर्म की ही होती है हमेशा परीक्षा

जो आगे बढ़ गया वही तो सफल है।


कठिनाइयाँ तो राहों में मिलती बहुत है

सोना देता गवाही रहता पहले तरल है।


मन से थामें हुए है जो उम्मीद की डोरी

उसके लिए रहता हर रास्ता अटल है।


लक्ष्य जो थामे हुए हैं अपनी मँजिल का

उनकी नजरों में नहीं कुछ रहता विरल है।


आभा दवे

31-5-2021

सोमवार








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