Saturday 19 February 2022

शिवाजी जयंती पर महाकवि भूषण जी की रचना

शिवाजी जयंती(19 फरवरी ) पर सादर नमन करते हुए प्रस्तुत है महाकवि भूषण जी की रचना 🙏 महाकवि भूषण रीति काल के सुप्रसिद्ध कवि थे । उन्होंने वीर रस प्रदान कविताएँ भी लिखी हैं। उन्होंने अपनी रचना में शिवाजी महाराज की वीरता का बहुत सुंदर वर्णन किया है। प्रस्तुत है शिवाजी महाराज की जयंती पर उन्हें सादर नमन करते हुए भूषण जी की रचना साजि चतुरंग वीर रंग में तुरंग चढ़ि, सरजा सिवाजी जंग जीतन चलत हैं ‘भूषण’ भनत नाद विहद नगारन के, नदी नद मद गैबरन के रलत है ।। ऐल फैल खैल-भैल खलक में गैल गैल, गजन की ठैल पैल सैल उसलत हैं । तारा सो तरनि धूरि धारा में लगत जिमि, थारा पर पारा पारावार यों हलत हैं ।। बाने फहराने घहराने घण्टा गजन के, नाहीं ठहराने राव राने देस देस के । नग भहराने ग्रामनगर पराने सुनि, बाजत निसाने सिवराज जू नरेस के ॥ इन्द्र जिमि जंभ पर, बाडब सुअंभ पर, रावन सदंभ पर, रघुकुल राज हैं। पौन बारिबाह पर, संभु रतिनाह पर, ज्यौं सहस्रबाह पर राम-द्विजराज हैं॥ दावा द्रुम दंड पर, चीता मृगझुंड पर, 'भूषन वितुंड पर, जैसे मृगराज हैं। तेज तम अंस पर, कान्ह जिमि कंस पर, त्यौं मलिच्छ बंस पर, सेर शिवराज हैं॥ संकलन/ प्रस्तुति आभा दवे मुंबई

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