Wednesday 3 July 2019

छोटी कविता -ताँका



ताँका जापानी  काव्य की  विधा है । जिसका  शाब्दिक अर्थ है लघुगीत अथवा छोटी कविता है । इसकी संरचना 5-7-5-7-7=31  वर्णों की होती है ।  इसमें कुल पाँच पंक्तियाँ होती है । जिसका अर्थ पहली से पाँचवी  पंक्ति तक व्याप्त होता है । ताँका से ही हाइकु का उद्भव हुआ है । प्राय: जापानी छंद तांकाँ  प्रकृति तथा अध्यात्म से जुड़ा होता है । पर आज के समय में ताकाँ किसी भी विषय पर ताँका लेखन का कार्य हो रहा है ।
ताँका -  5-7-5-7-7 
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1) प्रभु दर्शन

बड़े दुर्लभ यहाँ

प्रेम की माया

हरि यशोदा पुत्र

बन के इठलाया ।


2) राधा रानी सी

  बनी गई दिवानी

 गोपियाँ, कृष्ण

 सुरीली बंसी सुन

 सुध को बिसराई ।


3) हे गोवर्धन

अब न माने मन

मीरा तोरी रे

दरस को तरसे

सुन पुकार स्वामी ।


4) सखा सुदामा

जगत का आधार

गले लगाया

खुश हो हर बार

सदा साथ निभाया ।

आभा दवे 


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