सफर / आभा दवे
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जीवन के हर पल में एक नया मोड़ आता है
जो रोज ही हम सब को एक नए सफर पर ले जाता है
जहाँ गम और खुशी का रास्ता हम से टकराता है
हर राह पर एक अजनबी दोस्त बन जाता है
अपनी आपबीती सुनाकर नई राह मुड़ जाता है
दुनिया के इस सफर मे अपना - पराया सब नजर आता है
फूल के संग काँटा भी मुस्कुराता है
जिंदगी का यह सफर न जाने कब पूरा हो जाता है
आँखों को जल्दी ही धुंधला नजर आता है
हरी -भरी धरती , प्रकृति की सुंदरता
यादों में बस कर आँख-मिचौली खेला करती है
जीवन के सफर को नौ रस से भर देती है ।
आभा दवे
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