Monday 4 November 2019

कविता -कमी /खोट /आभा दवे

कमी/खोट
--------------
डेंगू ने अपना कहर बरसाया है
लोगों को चपेट में ले लाया है
हो रही है कमी इलाज में
डॉक्टर ने भी सिर झुकाया है।
सफाई अभियान तो चल रहा
पर मच्छरों से न निजात पाया है
खटकती है कमी कहीं ना कहीं
अब तक ना हल निकल पाया है।
मासूम बच्चे  कितने मर रहे
परिवार भी डेंगू से उजड़ रहे
यह कैसा खेल कुदरत का
दिवाली में कई मासूम दिए बुझ गए।
कमी कहें इसे या  कोई खोट
उदासीन जनता इस ओर
प्रकृति की स्वच्छता का रखना होगा ध्यान
डेंगू जैसी बीमारियां हो जाए अंतर्धान ।

आभा दवे
ठाणे (पश्चिम)
नवभारत समाचार पत्र में प्रकाशित 
4-11-2019 सोमवार 





No comments:

Post a Comment