Thursday 4 July 2019

चित्र पर आधारित कविता -प्रभात


 प्रभात  -चित्र पर आधारित कविता /आभा दवे 
----------———————————-

सूरज पेड़ के बीच मुस्कुरा रहा है

सागर के दर्पण में अपनी

छवि पर इतरा रहा है

फूल कर रहे उसका स्वागत

देखो प्रभात आ गया है

हवा ने भी छेड़ दी है तान

कुदरत खूबसूरत नजर आ रहा है

सूर्य ने अपनी लालिमा 

बिखेर दी है चहुँओर

फूल और हरियाली के बीच जीवन

 बहुत खूबसूरत नजर आ रहा है ।


आभा दवे





No comments:

Post a Comment