Saturday 6 July 2019

कविता -चौथा बंदर

चौथा  बंदर / आभा दवे 
-----------

गांधीजी के तीन बंदर बड़े ही अच्छे बड़े ही भोले

चौथा जो आया उसने किया कमाल

हाथ में मोबाइल लेकर करें वह सब काम

बाजार अब  वह जाता नहीं घर में ही सब 

मँगाए सामान

जीवन मस्त गुजर रहा है उसका

मोबाइल से ही मिले अब उसे आराम ।

आभा दवे




No comments:

Post a Comment