Wednesday 3 July 2019

हाइकु मुक्तक

  हाइकु मुक्तक - आभा दवे 
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1)छल रही है ,गर्म हवा सभी को, शांत पवन
    बेचैन कली ,उपवन रो रहा ,न आए घन
   मन तरसे , बिन पानी-हवा के ,जन निराश 
    लगाए आस, देख रहे आकाश, चुप गगन ।


2) मधुर स्वर , है सागर निकाले , संगीत न्यारा
    सूर्य ढलता , संध्या के आगोश में , लगता प्यारा
    धरा सुंदर , लालिमा लिए हुए , अनोखी छटा
    बिखेरे रंग , चहुँ ओर किरण  , रूप तुम्हारा ।

आभा दवे

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