चेहरा -आभा दवे
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चेहरे पर चमकता नूर है
सीरत से वो गंभीर है
नैनो में भरे विश्वास
चलती है दुनिया के साथ
न जाने रीत पुरानी
न माने लोगों की जुबानी
खुद के कानों पर भरोसा कर
हर कदम फूँक-फूँक कर चलती है
घूंट दर्द का अब नहीं पीती है
गमों के संग मुस्कुराकर जीती है
लड़ने के लिए सदैव तत्पर रहती हैं
आजकल की लड़कियाँ
लड़कों पर भारी पड़ती है
माता-पिता का सहारा बन
बेटे का धर्म निभाती है
हर कार्य में आगे बढ़ कर
दुनिया में अपना लोहा मनवाती है
आजकल की लड़कियॉऺ अब
चेहरा नहीं छुपाती है
लाखों के बीच सितारा बन
जगमगाती है।
आभा दवे
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